आज प्रेम को .................... आज जिस्म को ज़िस्म से इतना लपेटा जाता है,इतना लपेटा जाता है क़ि लिपट -लिपट कर घुटन से उसका द...Read More
सच समाज का ................. खुबसूरत धुंध ........................ मेरी अखियों को मिला ख्वाब सुनहरा था मेरे दिल को...Read More
Reviewed by Akanksha Saxena
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March 10, 2013
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दर्द के रंग
दर्द के रंग ........... ........ देखो होली आई प्रिये आओ मिल...Read More
दर्द के रंग
Reviewed by Akanksha Saxena
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March 09, 2013
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रंग होली के
रंग होली के ...................... रंग होली के सबको सुहाने लगते हैं अरे ! अस्सी साल के दादा भी आज दीवाने लगते हैं रंग...Read More
रंग होली के
Reviewed by Akanksha Saxena
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March 07, 2013
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