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हिन्दुस्तान के अधिवक्ताओं की क्रेडिट वैल्यू :






हिन्दुस्तान के अधिवक्ताओं की क्रेडिट वैल्यू

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      जब से हिन्दुस्तान स्वतंत्र, आजाद व मुक्त हुआ है, तब से लेकर अब तक हिन्दुस्तान के सभी अधिवक्ता, हिन्दुस्तानी पीड़ितों की स्वंय सहायता सेवा करते चले आ रहे हैं | तब से लेकर अब तक के हिन्दुस्तान के सभी अधिवक्ताओं ने अपना पूरा जीवन पीड़ितों की स्वंय सहायता सेवा में लगा दिया है | तब से लेकर अब तक के हिन्दुस्तान के सभी अधिवक्ताओं ने कभी भी अपने हित के बारे में विचार नही किया है कि स्वदेशी एवं विदेशी फाईनेन्स कम्पनीज की नजरों में हिन्दुस्तान के सभी अधिवक्ताओं की क्रेडिट वैल्यू (औकात ) 
क्या है ? वर्तमान में हिन्दुस्तान के सभी अधिवक्ताओं की स्वदेशी एवं विदेशी फाईनेन्स कम्पनीज की नजरों में कोई क्रेडिट वैल्यू नही है | 
      जब हिन्दुस्तान के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, हिन्दुस्तान की सभी अदालतों में विचाराधीन करोड़ों मामलों को समयावधि में निपटाने हेतु अनेकों न्यायाधीशों की मांग न करके हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री से अपने नेक व एक सर्वोच्च मुख्य सह- न्यायाधीश एडवोकेट गवर्नर जनरल की मांग करते हैं और जब यह मांग हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री पूरी करते हैं और उन्हें उनका सर्वोच्च मुख्य सह - न्यायाधीश एडवोकेट गवर्नर जनरल प्रदान करते हैं तब हिन्दुस्तान में पूर्व नियोजित धोखाधड़ी की अपराधिक षड़यंत्र की अपारदर्शी क्रियान्वित लोकतांत्रिक राज्य व्यवस्था संचालन की अपराधीकरण एवं बेरोजगारीकरण तथा सबके विभाजन व सबके विनाश की विधायिका की संसदीय कार्य प्रणाली का अंत हो जाता है और तब हिन्दुस्तान में  पारदर्शी लोकतांत्रिक राज्य व्यवस्था संचालन की निरापराधीकरण एवं रोजगारीकरण तथा सबका साथ एवं सबका विकास की न्यायपालिका की संघात्मक कार्यप्रणाली क्रियान्वित हो जाती है और तब हिन्दुस्तान के सभी अधिवक्ताओं को अपनी पूर्व निर्धारित आधारित समान सहायताकारी आजीविका, सहायताकारी पैंसन एवं सहायताकारी क्रेडिट वैल्यू तथा समानरूप से जीने का समानता का मौलिक अधिकार प्राप्त हो जाता है | सभी हिन्दुस्तानियों के अकाल विवाह, अकाल जन्म, अकाल मृत्यु का सिलसिला समाप्त हो जाता है | तब सभी हिन्दुस्तानियों को अपनी पूर्वनिर्धारित आजीविका, पैन्सन एवं क्रेडिट वैल्यू तथा समानरूप से जीने का समानता का मौलिक अधिकार प्राप्त हो जाता है | 
         अत:, हिन्दुस्तान के वर्तमान सभी अधिवक्ताओं को अपनी खोयी हुई शाख को पुन: प्राप्त करने के लिये नेक व एक होकर हिन्दुस्तान के मा. सर्वोच्च मुख्य न्यायाधीश का पूरी तरह से सहयोग करना चाहिये | क्योंकियदि हिन्दुस्तान की न्यायपालिका पर हिन्दुस्तानियों का भरोसा उठ गया तो अनर्थ होने से कोई नही रोक सकता | इसलिये हिन्दुस्तान के सभी अधिवक्ताओं को अपनी क्रेडिट वैल्यू के प्रति जागरूक होना और अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों का अनुपालन पारदर्शिता से करना चाहिये और अपनी खोयी हुई क्रेडिट वैल्यू  पुन: हासिल करने के लिये अपने असली मुखिया हिन्दुस्तान के एडवोकेट गवर्नर जनरल को प्राप्त करना चाहिये और इस वास्ते  के देशव्यापी तीव्र अभियान चलाना चाहिये जिससे कि प्रत्येक हिन्दुस्तानी को अपनी हिन्दुस्तानी नागरिकता का असली एवं पारदर्शी नागरिकता का प्रमाण प्राप्त हो सके |

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